कर्नाटक : विधानसभा में कुल 11 विधेयक पेश किए गए, जिनमें कर्नाटक राज्य ग्रामीण विकास और पंचायत राज (आरडीपीआर) विश्वविद्यालय से संबंधित एक विधेयक भी शामिल है। यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो विश्वविद्यालय का कुलाधिपति मुख्यमंत्री होंगे, जबकि वर्तमान में यह पद राज्यपाल के पास होता है। कर्नाटक राज्य ग्रामीण विकास और पंचायत राज विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक-2024 का उद्देश्य 2016 के अधिनियम में संशोधन करना है ताकि मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालय का कुलाधिपति नियुक्त किया जा सके। इसके अलावा, यह भी प्रावधान किया जाएगा कि विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति कुलाधिपति द्वारा की जाए। प्रस्तावित संशोधन में कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं होगा। कर्नाटक मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को 28 नवंबर को मंजूरी दी थी। वर्तमान में राज्यपाल थावरचंद गहलोत सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं।कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच के पाटिल ने सरकार के इस कदम का समर्थन करते हुए कहा, “इससे विश्वविद्यालयों में अधिक सक्रियता आएगी और निर्णयों में गति आएगी।” उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रणाली गुजरात और अरुणाचल प्रदेश जैसे कई राज्यों में लागू है।इसके अलावा, कर्नाटक श्रम कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक, 2024 भी पेश किया गया है, जिसका उद्देश्य 1965 के अधिनियम में संशोधन करके श्रम कल्याण निधि में कर्मचारी, नियोक्ता और राज्य सरकार के योगदान की दर बढ़ाना है। कर्नाटक भूजल (विकास और प्रबंधन का विनियमन और नियंत्रण) (संशोधन) विधेयक, 2024 भी विधानसभा में पेश किया गया है। कर्नाटक पर्यटन रोपवे विधेयक-2024 का उद्देश्य पर्यटन स्थलों पर रोपवे के निर्माण और संचालन को प्रोत्साहित करने के लिए एक सलाहकार प्राधिकरण का गठन करना है।