महाराष्ट्र : आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने और बिना वैध दस्तावेजों के देश में रहने के आरोप में नौ बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। यह ऑपरेशन महाराष्ट्र एटीएस की अवैध आव्रजन के खिलाफ चल रही कार्रवाई का हिस्सा है। पिछले महीने, एटीएस ने एक विशेष अभियान के तहत 19 अलग-अलग मामलों में 43 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा था। हाल की गिरफ्तारियाँ पिछले चार दिनों में मुंबई, नासिक, नांदेड़ और छत्रपति संभाजीनगर में स्थानीय पुलिस की मदद से की गईं। अधिकारियों के अनुसार, पकड़े गए नौ बांग्लादेशी नागरिकों में आठ पुरुष और एक महिला शामिल हैं। जांच में यह सामने आया कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके आधार कार्ड बनवाए थे। पुलिस ने उनके खिलाफ विदेशी अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत पांच मामले दर्ज किए हैं। इससे पहले, 27 दिसंबर को भी एटीएस ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने और बिना वैध दस्तावेजों के रहने के आरोप में 13 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान एटीएस ने विदेशी अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों के तहत तीन मामले दर्ज किए थे। ये नागरिक फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके भारतीय दस्तावेज, जैसे आधार कार्ड, प्राप्त करने में सफल हो गए थे। वहीं, दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को बांग्लादेशी मां-बेटे की जोड़ी को निर्वासित कर दिया, जिनमें से एक महिला 2005 से दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में रह रही थी। पुलिस के मुताबिक, निर्वासित व्यक्तियों की पहचान नज़मा खान और उनके बेटे नईम खान (22) के रूप में की गई है। यह मां-बेटे कटवारिया सराय में रहते थे, जहां नजमा घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी। पूछताछ में, नईम ने बताया कि वित्तीय कठिनाइयों के कारण दो दशक पहले उसकी मां भारत आने के लिए मजबूर हुई थी।