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क्या केजरीवाल का दलित प्रेम महज दिखावा है? AAP देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा साबित हो सकती है?

दिल्ली : यह घटना गणतंत्र दिवस के अवसर पर अमृतसर में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर हुए हमले से जुड़ी है, जिसने राजनीतिक हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने पंजाब और दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल पर तीखे हमले किए हैं। विपक्ष का आरोप है कि यह घटना थाने के पास हुई, जो इसे और भी गंभीर बनाती है।आम आदमी पार्टी खुद को दलितों के हितैषी के रूप में प्रस्तुत करती रही है और दिल्ली से लेकर पंजाब तक डॉ. अंबेडकर के प्रति सम्मान दिखाने का प्रयास करती रही है। लेकिन इस घटना ने पंजाब सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। घटना के बाद बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने पंजाब सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इसे शर्मनाक बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट कर सरकार की कड़ी आलोचना की।बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी इस घटना के लिए पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह घटना एक थाने के सामने हुई और आरोपी को सीढ़ी कहां से मिली, यह सवाल खड़े करता है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल से माफी मांगने और पद छोड़ने की मांग की है।वहीं, कांग्रेस के नेता अजय माकन ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि संविधान की प्रति जलाने जैसी घटनाएं देश के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब में कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है और गैंगस्टरों व कट्टरपंथियों से मिलीभगत कर रही है। पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी मुख्यमंत्री भगवंत मान पर खालिस्तानियों के डर से फरीदकोट में तिरंगा न फहराने का आरोप लगाया।इस पूरे मामले ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।

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