यमुनानगर : बहुजन समाज पार्टी का हाथी जिले में भले ही कोई कमाल नहीं कर सका, लेकिन अपनी मस्त चाल से उसने साढौरा व रादौर सीट पर भाजपा और कांग्रेस का खेल जरूर बिगाड़ दिया। इन दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों को हराने में बसपा की बड़ी भूमिका रही।साढौरा सीट बहुजन समाज पार्टी व इनेलो गठबंधन के प्रत्याशी बृजपाल छप्पर ने पहले से लेकर 19वें राउंड तक भाजपा प्रत्याशी बलवंत सिंह व कांग्रेस प्रत्याशी रेनू बाला दोनों की परेशानी बढ़ा कर रखी। भाजपा मान कर चल रही थी कि बृजपाल छप्पर जितना ज्यादा वोट लेंगे उतना उन्हें फायदा होगा।बृजपाल खेला करने में कामयाब रहे। चुनाव में 53388 वोट लेकर बृजपाल छप्पर ने भाजपा का सारा खेल खराब कर दिया। जिस कारण भाजपा प्रत्याशी बलवंत को आखिर में हार का मुंह देखना ही पड़ा। कांग्रेस द्वारा टिकट न दिए जाने पर बसपा ने रातोंरात बृजपाल छप्पर को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया था। अगले ही दिन साढौरा सीट से उनका टिकट भी फाइनल कर दिया।बृजपाल को टिकट दिए जाने से साढौरा सीट पर सारे समीकरण बिगड़ गए थे। तब कहा जाने लगा था कि अब यहां मुख्य मुकाबला बृजपाल व बलवंत सिंह के बीच ही होगा। इसकी बड़ी वजह रेनू बाला द्वारा पांच साल में साढौरा विधानसभा में कोई बड़ा काम नहीं कराना था। इसमें कोई दोराय नहीं की लोगों लोगों के कोई काम नहीं हुए।
रेनू बाला लगातार सभाओं में कहती रही कि वह विपक्ष की विधायक हैं। इस पर सरकार उनके हलके में कोई काम नहीं करवा रही। माना जा रहा था कि बृजपाल छप्पर कांग्रेस की वोट में सेंध लगाकर आसानी से सीट जीत जाएंगे। यहां उल्टा हो गया। कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा का वोट भी काफी संख्या में बृजपाल को गया। इससे कांग्रेस को बढ़त मिली और जीत दर्ज की।
इसी तरह रादौर विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के श्याम सिंह राणा व कांग्रेस के मौजूदा विधायक डॉ. बिशन लाल सैनी के बीच था। यहां कहा जा रहा था कि श्याम सिंह राणा की जीत तय है। बीएल सैनी को केवल कांग्रेस की तथाकथित लहर का ही फायदा मिल सकता है। यहां पर तीसरे प्रत्याशी बसपा के प्रदेशाध्यक्ष धर्मपाल तिगरा खुद मैदान में थे।
जिला परिषद की सीट पर 12 साल से इनका ही कब्जा है। धर्मपाल को अनुसूचित जाति के अलावा अन्य जातियों का भी कुछ प्रतिशत वोट मिला। धर्मपाल तिगरा ने चुनाव में 11182 वोट लिए। कांग्रेस के बिशन लाल सैनी को चुनाव में 13132 वोट से हार का सामना करना पड़ा। संवाद बसपा के साथ असपा ने भी पहुंचाया नुकसान बसपा के अलावा आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशियों ने भी दोनों सीटों पर दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशियों का खेल खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। साढौरा विधानसभा सीट से असपा ने सोहिल को प्रत्याशी बनाया था। उन्हें चुनाव में 4459 वोट मिले। वहीं, रादौर से असपा प्रत्याशी मंदीप टोपरा को 2952 वोट मिले। यहां बसपा व असपा का वोट मिलकर 14141 हो जाता है। यहां से बीएल सैनी 13132 वोट से हारे।