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पुणे में कैसा होगा पिच का मिजाज, स्पिनर या बल्लेबाज किसे मिलेगी मदद?

क्रिकेट: बेंगलुरू टेस्ट में हार के बाद भारतीय टीम अब पुणे में अगली चुनौती का सामना करेगी। तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले में भारत और न्यूजीलैंड पुणे के मैदान पर आमने-सामने होंगे। इस मुकाबले में पिच की भूमिका अहम होगी, क्योंकि बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच भारतीय टीम की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रही थी। हालांकि, इसमें पिच क्यूरेटर का दोष नहीं था, क्योंकि बारिश और मौसम ने पिच के स्वभाव को बदल दिया था। लेकिन दूसरे टेस्ट में ऐसा कुछ होने की संभावना नहीं है।क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे में काली मिट्टी की पिच का उपयोग किया जाएगा, जो स्पिनरों के लिए अनुकूल होगी, क्योंकि इस पर घास नहीं होगी। पिच को फ्लैट और धीमा तैयार किया जा रहा है, जिससे गेंद को कम उछाल मिलेगा। बेंगलुरु की पिच पर तेज गेंदबाजों को काफी मदद मिली थी, जबकि स्पिनरों को मैच के चौथे और पांचवें दिन भी खास मदद नहीं मिल पाई थी। पुणे और मुंबई दोनों जगह स्पिनरों को मददगार पिचें मिलेंगी। खासकर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में, जहां लाल मिट्टी की पिच तैयार की जाएगी। यह मुकाबला 1 नवंबर से शुरू होगा।बेंगलुरु की पिच पर टीम इंडिया को एक अविस्मरणीय झटका लगा था, जब टीम सिर्फ 46 रनों पर ऑल-आउट हो गई थी। यह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में घरेलू मैदान पर सबसे कम स्कोर था। इससे पहले टीम ने 75 रन पर अपने सभी विकेट खोए थे, लेकिन पहली बार टीम 50 रन का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी। इस हार के बाद भारत को 8 विकेट से पराजित होना पड़ा, और 36 साल बाद न्यूजीलैंड के हाथों घरेलू मैदान पर हार का सामना करना पड़ा।अब पुणे में सीरीज को 1-1 की बराबरी पर लाने के लिए भारतीय टीम तीन स्पिनरों के साथ मैदान में उतरने की योजना बना रही है, और पिच से भी उन्हें सहायता मिलने की उम्मीद है। टीम चाहेगी कि उसके स्पिनर कीवी टीम पर दबाव बनाकर हावी रहें।

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