यमुनानगर: दिवाली और छठ पर्व की तैयारी में हजारों श्रमिक बिहार लौटने लगे हैं। ये श्रमिक छठ पूजा के बाद ही वापस आएंगे, जिससे जिले की प्लाईवुड उद्योग पर असर पड़ने लगा है। श्रमिकों की कमी के कारण प्लाईवुड फैक्टरियों का उत्पादन 20 से 30 प्रतिशत तक गिर गया है, जिससे कारोबारी अपने ऑर्डर पूरे नहीं कर पा रहे हैं। यहां 300 से अधिक प्लाईवुड यूनिट हैं और 400 से ज्यादा पीलिंग और सॉ मिलें हैं। इन उद्योगों में रोजाना लगभग 7000 क्यूबिक मीटर प्लाई का उत्पादन होता है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई किया जाता है।ज्यादातर श्रमिक बिहार से आते हैं, जबकि स्थानीय मजदूर अलग-अलग शर्तों पर काम करते हैं। इसलिए प्लाईवुड व्यवसायी बिहार के श्रमिकों को अच्छी संख्या में रोजगार देते हैं। पूर्वोत्तर राज्यों से भी लगभग 50,000 श्रमिक प्लाई फैक्ट्रियों और अन्य मशीनों पर कार्यरत हैं। छठ पूजा बिहार के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे वे अपने परिवार के साथ मनाते हैं।यमुनानगर की प्लाईवुड फैक्ट्रियों में कार्यरत 20 से 25 प्रतिशत श्रमिक छठ पर्व के लिए बिहार चले जाते हैं। दिवाली से पहले ही ये श्रमिक घर लौटना शुरू कर देते हैं, और ट्रेन यात्रा में 24 से 36 घंटे लगते हैं। इस कारण 10 नवंबर तक की अवधि प्लाईवुड उद्योग के लिए कठिन हो सकती है। कई श्रमिकों के परिवार में शादी समारोह भी होते हैं, जिसके चलते उनकी वापसी और देरी से होती है।ऑल इंडिया प्लाईवुड एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र चावला का कहना है कि छठ पूजा के बाद लौटने वाले श्रमिकों के कारण उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत की कमी आती है, जिससे बड़ा नुकसान होता है। प्लाईवुड फैक्ट्री एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष जेके बिहानी ने बताया कि फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिक भी त्योहार मनाते हैं, इसलिए ज्यादातर फैक्ट्रियों को दिवाली से लेकर छठ पूजा तक बंद रखा जाता है।