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कर्नाटक सरकार ने किसानों की जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित किया था, लेकिन अब उन्होंने इस फैसले को पलट दिया है।

कर्नाटक : विजयपुरा जिले में एक विवाद ने तब जोर पकड़ लिया जब कुछ किसानों की भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने के आरोप सामने आए। इसके बाद, सरकार ने इन नोटिसों को वापस लेने का निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार, वक्फ बोर्ड पर आरोप है कि 21 दिनों के भीतर 44 संपत्तियों के स्वामित्व में बदलाव करने के लिए जाली दस्तावेजों का सहारा लिया गया। साथ ही, बोर्ड ने राज्य में 1,00,000 एकड़ भूमि पर दावा करने का प्रयास किया। राज्य के कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने स्पष्ट किया कि किसानों की भूमि को वक्फ संपत्ति में बदलने का कोई इरादा नहीं है और यदि इस प्रक्रिया में कोई गलती हुई है, तो उसे सुधारा जाएगा। उन्होंने उपायुक्त द्वारा मामले की जाँच के निर्देश भी दिए और आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।भाजपा ने भी इस मामले पर ध्यान देते हुए, प्रभावित किसानों से संवाद करने के लिए एक पांच सदस्यीय टीम बनाई है। इस टीम में सांसद गोविंद करजोल, विधायक हरीश पूंजा और महेश तेंगिंकई, पूर्व एमएलसी अरुण शाहपुर और भाजपा किसान मोर्चा के महासचिव कलमरुदप्पा शामिल हैं, जबकि विजयपुरा से भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल इसमें शामिल नहीं हैं।

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