उत्तर प्रदेश : नौ विधान सभा सीटों के लिये उपचुनाव की तारीखें करीब आ रही हैं। बीजेपी और सपा दोनों की ही तरफ से जीत के बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हैं। वहीं बसपा भी एक बार फिर से उम्मीद की किरण जगाये हुए है, लेकिन ऐन चुनाव से पहले रायबरेली से सांसद राहुल गांधी के अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे से समाजवादी पार्टी के दिल की धड़कन बढ़ा दी है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार 05 नवंबर को रायबरेली आ रहे हैं, परंतु वह उपचुनाव में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के लिये कोई जनसभा नहीं करेंगे। कांग्रेस आलाकमान द्वारा राहुल के इस दौरे को फिलहाल उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव से अलग रखा जा रहा है। यह बात समाजवादी पार्टी को रास नहीं आ रही है। उसे लगता है कि इससे फील्ड में सपा प्रत्याशियों के खिलाफ मैसेज जायेगा। प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के बीच राहुल के दौरे को लेकर उम्मीद की जा रही थी कि वह इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों का प्रचार भी करेंगे, लेकिन उनके इस दौरे में फिलहाल उपचुनाव के प्रचार को शामिल नहीं किया गया है। यूपी उपचुनाव के समय राहुल के दौरे को राजनीति के कुछ जानकार कांग्रेस की सोची समझी सियासी चाल भी बता रहे हैं।गौरतलब हो, प्रदेश में गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर लंबे समय तक चली खींचतान के बीच अधिकतर सीटों पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी थी। इससे कांग्रेस में नाराजगी देखने को मिली थी। उसने चुनाव लड़ने तक से इंकार कर दिया। इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यह कहना शुरू कर दिया था कि मामला सीटों के बंटवारे का नहीं बल्कि इस बात का है कि कौन प्रत्याशी चुनाव जीत पायेगा। इसी आधार पर सपा ने सभी नौ सीटों पर प्रत्याशी उतार दिये। बता दें सपा कांग्रेस को दो सीटें दे रही थी, जबकि कांग्रेस दो से ज्यादा सीटों पर उपचुनाव लड़ने की इच्छुक थी। नतीजतन कांग्रेस ने सपा के लिए सभी सीटें छोड़ दी। ध्यान देने वाली बात है कि उपचुनाव के प्रचार के लिए 10 से भी कम दिन बाकी रह गए हैं। राहुल गांधी इन्हीं दिनों में रायबरेली के दौरे पर होंगे लेकिन उपचुनाव से इस दौरे का कोई संबंध न होना सपा और कांग्रेस के बीच के मनमुटाव को दर्शा रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि सीटों के बंटवारे ने इन दोनों पार्टियों के गठजोर को बांट दिया है। अब आगे देखना होगा कि सपा के सहयोगी पार्टी के नेता राहुल गांधी कब तक उपचुनाव से दूरी बनाए रखते हैं। कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि राहुल गांधी यूपी आयेगें जरूर लेकिन इंडिया गठबंधन यानी सपा के प्रत्याशियों के लिये वोट नहीं मांगेगे। वैसे पता यह चला है कि राहुल गांधी रायबरेली में जिला प्रशासन व अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों के साथ जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद राहुल तेलंगाना चले जाएंगे। कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार राहुल के इस दौरे को फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है।