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क्या गृह मंत्री दीवार पर लिखी बातों को समझ नहीं पा रहे हैं? मणिपुर को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर किया कटाक्ष।

मणिपुर : सत्तारूढ़ राजग के कुछ विधायकों के कथित तौर पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को भाजपा पर कटाक्ष किया है। कांग्रेस ने तंज भरे लहजे में कहा कि दीवार पर लिखा हुआ स्पष्ट है और पूछा कि क्या गृह मंत्री अमित शाह इसे पढ़ रहे हैं। कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने यह भी पूछा कि मणिपुर के लोगों की कष्टदायी पीड़ा कब तक इसी तरह जारी रहेगी।जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि मणिपुर विधानसभा में 60 विधायक हैं। कल रात मणिपुर के मुख्यमंत्री ने इंफाल में NDA के सभी विधायकों की बैठक बुलाई, जिसमें उनके अलावा केवल 26 ही उपस्थित हुए। इन 26 में से 4 NPP के हैं, जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को मौजूदा मुख्यमंत्री से समर्थन वापस लेने के लिए पत्र लिख चुके हैं। उन्होंने कहा कि दीवार पर लिखी इबारत बिल्कुल साफ है। लेकिन क्या मणिपुर के बड़े सूत्रधार – केंद्रीय गृह मंत्री, जिन्हें प्रधानमंत्री ने राज्य की सारी ज़िम्मेदारी सौंप दी है और आउटसोर्स कर दिया है – इसे पढ़ रहे हैं? मणिपुर के लोगों की असहनीय पीड़ा, दुख, और तकलीफ़ कब तक यूं ही जारी रहेगी?द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन मणिपुर की सुरक्षा स्थिति और वहां सुरक्षाबलों की तैनाती की समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि शाह ने शीर्ष अधिकारियों को जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में जल्द से जल्द शांति एवं व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय मणिपुर में मौजूदा ‘अस्थिर’ स्थिति से निपटने में राज्य सरकार की मदद के लिए लगभग 5,000 अर्धसैनिक बलों को भी वहां भेज रहा है। सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में मणिपुर की सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया।

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