दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मलयालम अभिनेता सिद्दीकी को 2016 में एक अभिनेत्री द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों में अग्रिम जमानत प्रदान की। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि सिद्दीकी को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा और जांच में पूरी तरह से सहयोग करना होगा। यह मामला न्यायमूर्ति हेमा आयोग की रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें मलयालम फिल्म उद्योग में महिला कलाकारों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और भेदभाव की घटनाओं का विवरण दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह शिकायत 2016 में हुई कथित घटना के आठ साल बाद अगस्त में दर्ज की गई थी। 30 सितंबर को अदालत ने सिद्दीकी को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की थी। केरल पुलिस ने आरोप लगाया कि सिद्दीकी ने जांच में सहयोग नहीं किया है और उसने अपने सोशल मीडिया अकाउंट को हटाने के अलावा कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को नष्ट कर दिया है। 24 सितंबर को केरल उच्च न्यायालय ने सिद्दीकी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, यह कहते हुए कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए उसकी हिरासत में पूछताछ जरूरी थी।