Suprabhat News

महाराष्ट्र में उद्धव की रणनीति को समझें, डीके शिवकुमार की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान दें।

महाराष्ट्र : में चुनावी परिणामों के इंतजार के बीच दोनों प्रमुख गठबंधन आत्मविश्वास से भरे हुए हैं कि वे ही सरकार बनाएंगे। मुख्यमंत्री पद के संभावित चेहरों पर चर्चा जोरों पर है, और बैठकें लगातार जारी हैं। ये बैठकें सिर्फ रणनीति के लिए नहीं, बल्कि जीते हुए विधायकों को सुरक्षित रखने के तरीकों पर भी केंद्रित हैं। संदेश साफ है: विधायक एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे।विधायकों को टूटने से बचाने के लिए तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं। जैसे-जैसे चुनावी नतीजे सामने आएंगे, राजनीतिक समीकरण भी उसी के अनुरूप बनेंगे। सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत 145 सीटों का है, और दोनों ही पक्ष दावा कर रहे हैं कि वे इस आंकड़े तक पहुंच जाएंगे।विधायकों को टूटने से बचाने के लिए होटल, हेलिकॉप्टर और रिसॉर्ट्स तक का इंतजाम किया गया है। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने तय किया है कि सभी विधायकों को मुंबई में एक साथ रखा जाएगा ताकि खरीद-फरोख्त की किसी भी संभावना को रोका जा सके। एमवीए का कहना है कि नए विधायकों के पास मुंबई में रहने की व्यवस्था नहीं होती, इसलिए उनके लिए एक साथ रुकने का प्रबंध किया गया है।सूत्रों के अनुसार, अघाड़ी विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को दी गई है। जरूरत पड़ने पर विधायकों को मुंबई या बेंगलुरु के किसी होटल में ठहराया जा सकता है। इस बीच, बीजेपी की ओर से राहुल नार्वेकर ने तंज कसते हुए कहा कि अघाड़ी को अपने विधायकों और नेतृत्व पर भरोसा नहीं है, इसीलिए वे ऐसे कदम उठा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह सब इंतजाम नतीजों के बाद बेकार साबित हो सकते हैं।इस राजनीतिक रस्साकशी के बीच सभी पार्टियों ने अपने कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। नतीजों के बाद विधायकों का भविष्य और रणनीति किस दिशा में जाएगी, यह जल्द ही साफ हो जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *