केरल : उच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया है कि वक्फ कानून की धारा 52ए का पूर्वव्यापी प्रभाव नहीं है। यह धारा नवंबर 2013 में लागू हुई और इसके तहत वक्फ बोर्ड की मंजूरी के बिना वक्फ संपत्ति के हस्तांतरण को दंडनीय करार दिया गया। न्यायमूर्ति पी वी कुन्हिकृष्णन का यह आदेश दो व्यक्तियों की याचिका पर आया था, जिन्होंने वक्फ अधिनियम की धारा 52ए के तहत वक्फ बोर्ड की शिकायत के आधार पर अपने खिलाफ चलाए गए मुकदमे को चुनौती दी थी।वक्फ बोर्ड का आरोप था कि इन व्यक्तियों ने कोझिकोड नगर निगम क्षेत्र में स्थित चेरिया चकलाथोप्पा थरावद वक्फ संपत्ति पर अवैध कब्जा कर लिया था। उच्च न्यायालय ने कहा कि धारा 52ए के तहत किसी व्यक्ति पर मुकदमा चलाने के लिए यह आवश्यक है कि यह प्रमाणित हो कि आरोपी ने बोर्ड की अनुमति के बिना किसी संपत्ति का हस्तांतरण, खरीद या कब्जा किया। अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं ने वक्फ संपत्ति का कोई हस्तांतरण नहीं किया और न ही संपत्ति की खरीद की। इसके अलावा, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जब यह धारा लागू हुई, तब याचिकाकर्ताओं ने वक्फ संपत्ति पर कोई कब्जा नहीं किया था।