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पीडीपी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में मुख्य चुनौती जनता की अपेक्षाओं के जटिल जाल को संभालना है।

जम्मू कश्मीर : श्रीनगर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में प्रभावी शासन के लिए केंद्र के साथ ‘‘संवेदनशील संवाद’’ की आवश्यकता है। पार्टी ने अपने मासिक पत्रिका ‘स्पीक अप’ में उल्लेख किया, ‘‘जम्मू कश्मीर में उचित शासन के लिए केंद्र के साथ बेहतर सहयोग जरूरी है, जैसा कि नई सरकार ने भी स्वीकार किया है।’’ पीडीपी ने कहा कि उसके पूर्व संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद समझते थे कि जम्मू कश्मीर के समग्र हित में गैर-पारंपरिक उपायों को अपनाना जरूरी है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तरह शांतिपूर्ण और मैत्रीपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।पीडीपी ने आगे कहा, ‘‘भा.ज.पा. का सीमित स्थानीय प्रभाव है, फिर भी जम्मू कश्मीर को उसके हक के लिए रणनीतिक साझेदारी की आवश्यकता है। हाल ही में दो कर्मचारियों की अनुशासनहीन तरीके से बर्खास्तगी सवाल उठाती है। यह घटना तब हुई है जब केंद्र शासित प्रदेश में लोकप्रिय सरकार मौजूद है। फिलहाल, सभी की नजरें नई सरकार पर हैं।’’ पार्टी ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में चुनाव जीतना राजनीति की सबसे सरल प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन ‘‘वास्तविक चुनौती जनता की उम्मीदों और संघर्षों की जटिलताओं से निपटना है, जहां कई ज्वलंत मुद्दे हैं और साझा आधार कम है।’’इसके अलावा, अखबार में बेरोजगारी के संकट को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई है। ‘‘बेरोजगारी अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई है। रोजगार सृजन अत्यंत आवश्यक है, लेकिन यह एकमात्र समाधान नहीं है। ऐसे में, कौशल निर्माण कार्यशालाओं, उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्तियों और मजबूत करियर परामर्श का एक मजबूत ढांचा तैयार करना जरूरी है, ताकि हमारे युवा निराशा से बाहर निकल सकें, क्योंकि इसके अभाव में वे नशे और अपराध के रास्ते पर चल सकते हैं।’’ पीडीपी ने जम्मू कश्मीर में बिजली संकट का मुद्दा भी उठाया।

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