क्रिकेट : भारतीय महिला क्रिकेट टीम, शुरुआती दो मैचों में करारी हार से हताश होकर, बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे और अंतिम वनडे में क्लीन स्वीप से बचने और अपनी कमजोरियों को सुधारने का प्रयास करेगी। सात बार की विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने अब तक तीन मैचों की इस श्रृंखला में पूरी तरह अपना दबदबा बनाए रखा है, जबकि भारत ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण तीनों ही विभागों में निराशाजनक प्रदर्शन किया है।दूसरे वनडे में 122 रन की बड़ी हार भारतीय टीम की कमजोरियों को उजागर करती है। इस मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने कुछ हद तक प्रदर्शन किया, लेकिन टीम कभी भी 372 रन के विशाल लक्ष्य को हासिल करने की स्थिति में नजर नहीं आई।टीम की सबसे बड़ी चिंता कप्तान हरमनप्रीत कौर और उप-कप्तान स्मृति मंधाना का खराब प्रदर्शन है। स्मृति, जिन्होंने अक्टूबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक बनाया था, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो मैचों में केवल 17 रन ही बना पाई हैं। उनकी कोशिश फॉर्म में वापसी करने की होगी। वहीं, हरमनप्रीत दो मैचों में 57 रन बनाकर अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में असफल रही हैं।टी20 विश्व कप में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद हरमनप्रीत की कप्तानी और बल्लेबाजी दोनों पर सवाल उठ रहे हैं। शेफाली वर्मा को लगातार खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर कर दिया गया है, और उनकी अनुपस्थिति में भारतीय टीम ने कई नए संयोजन आजमाए हैं। हालांकि, अब तक केवल रिचा घोष ही उम्मीदों पर खरी उतरी हैं, जिन्होंने दूसरे वनडे में 54 रन बनाए। यह इस श्रृंखला में किसी भी भारतीय बल्लेबाज का सर्वोच्च स्कोर है।वहीं दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों ने इस श्रृंखला में अब तक दो शतक और दो अर्धशतक लगाए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय बल्लेबाजों को रन बनाने में कितनी परेशानी हो रही है। पहले वनडे में भारत के सिर्फ चार बल्लेबाज ही दोहरे अंक तक पहुंच सके थे। गेंदबाजी में भी भारतीय खिलाड़ी नियंत्रण और प्रभावशाली प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं, जबकि क्षेत्ररक्षण में कई कैच टपकाने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।ऑस्ट्रेलिया की टीम तीनों विभागों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है। उनकी युवा सलामी बल्लेबाज जॉर्जिया वोल, जिन्हें एलिसा हीली की अनुपस्थिति में मौका मिला, ने पहले मैच में नाबाद 46 और दूसरे मैच में शानदार 101 रन बनाए, जिससे उनका चयन सही साबित हुआ।भारतीय टीम के लिए यह मैच न केवल क्लीन स्वीप से बचने का मौका है, बल्कि अगले साल के 50 ओवरों के विश्व कप से पहले अपनी कमजोरियों को सुधारने का भी अहम मौका है।