हरियाणा : पूर्व मंत्री और पांच बार विधायक रह चुके करण सिंह दलाल ने ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (ईवीएम) के सत्यापन के लिए एक नीतिगत व्यवस्था की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है कि वह ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स बनाम भारत संघ’ मामले में दिए गए पूर्व निर्णय का अनुपालन सुनिश्चित करे।दलाल और सह-याचिकाकर्ता लखन कुमार सिंगला, जो अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर रहे थे, ने निर्वाचन आयोग को ईवीएम के चार प्रमुख घटकों – ‘कंट्रोल यूनिट’, ‘बैलट यूनिट’, ‘वीवीपीएटी’, और ‘सिंबल लोडिंग यूनिट’ – की मूल ‘‘बर्न मेमोरी’’ या ‘माइक्रोकंट्रोलर’ की जांच के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने का निर्देश देने की मांग की है।उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनकी याचिका का उद्देश्य चुनाव परिणामों को चुनौती देना नहीं है, बल्कि ईवीएम सत्यापन के लिए एक मजबूत और पारदर्शी तंत्र स्थापित करना है। इससे पहले, चुनाव परिणामों को चुनौती देने से संबंधित उनकी याचिकाएं पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में लंबित हैं।याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय से यह भी अनुरोध किया है कि वह निर्वाचन आयोग को आठ सप्ताह के भीतर सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दे। हरियाणा विधानसभा के हालिया चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 90 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की थी।