दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को घोषणा की कि उसने अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग के तहत प्रक्षिप्त किए गए दो उपग्रहों को परीक्षण के रूप में तीन मीटर की दूरी तक लाया और फिर उन्हें सुरक्षित रूप से वापस ले लिया। अंतरिक्ष एजेंसी ने यह भी बताया कि ‘डॉकिंग’ प्रक्रिया डेटा का गहन विश्लेषण करने के बाद पूरी की जाएगी। ISRO ने ‘X’ प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा, “पहले 15 मीटर और फिर तीन मीटर तक पहुंचने का प्रयास किया गया। अब, अंतरिक्ष यान को सुरक्षित दूरी पर वापस किया जा रहा है। डॉकिंग प्रक्रिया को डेटा के विस्तृत विश्लेषण के बाद पूरा किया जाएगा।”‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (स्पेडेक्स) परियोजना पहले ही 7 और 9 जनवरी को ‘डॉकिंग’ प्रयोगों के लिए निर्धारित समय सीमा चूकी है। ISRO ने 30 दिसंबर को स्पेडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था। यह मिशन श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी सी60 रॉकेट के माध्यम से दो उपग्रहों, स्पेसक्राफ्ट A (SDX01) और स्पेसक्राफ्ट B (SDX02), को प्रक्षिप्त किया था। लगभग 15 मिनट बाद, ये छोटे अंतरिक्ष यान 220 किलोमीटर वजन के साथ 476 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में प्रवेश कर गए थे।ISRO के अनुसार, स्पेडेक्स परियोजना का उद्देश्य छोटे अंतरिक्ष यानों का उपयोग कर किफायती तरीके से अंतरिक्ष में डॉकिंग प्रक्रिया को स्थापित करना है। इस मिशन में सफलता प्राप्त करने के बाद, भारत उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो भविष्य के मिशनों, जैसे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए आवश्यक जटिल प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल कर चुके हैं।
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