दिल्ली : पुलिस ने 400 से ज्यादा स्कूलों को भेजे गए झूठे बम सूचना वाले ईमेल्स की जांच के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है, जिससे छात्रों में व्यापक डर फैल गया और कक्षाएं बाधित हो गईं। विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) मधुप तिवारी ने 14 जनवरी को बताया कि इस घटना की गहरी फोरेंसिक और तकनीकी जांच के बाद यह पाया गया कि इन ईमेल्स को भेजने वाला एक बच्चा था। पुलिस ने कहा कि जांच में VPN के इस्तेमाल के कारण कई चुनौतियाँ आईं, जिसने ईमेल की असली उत्पत्ति को छिपा दिया। तिवारी ने कहा कि हमने सख्त जांच की, ईमेल प्रदाताओं से डेटा मांगा और परिवार के बारे में जानकारी इकट्ठा की। जांच से यह सामने आया कि बच्चे ने कई स्कूलों को बड़े पैमाने पर ईमेल भेजे थे, जिसमें एक उदाहरण में 250 स्कूलों को एक साथ संदेश भेजे गए थे। हालांकि, पुलिस को संदेह है कि कोई बड़ी साजिश इसमें शामिल हो सकती है। अधिकारी ने कहा कि जिस तरह की उन्नत तकनीकी विधियों का इस्तेमाल हुआ है, उसे देखते हुए यह लगता नहीं कि बच्चे ने यह सब अकेले किया। जांच कर रहे अधिकारी बच्चे के परिवार से जुड़े एक एनजीओ के संभावित संबंधों पर विचार कर रहे हैं, जो पहले 2001 के संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में सक्रिय था। यह एनजीओ कथित तौर पर एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है, लेकिन जांच जारी रहने के कारण अधिकारी उस पार्टी का नाम उजागर नहीं कर रहे हैं। ईमेल्स के भेजे जाने का उद्देश्य अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, क्योंकि कई संदेश ऐसे दिनों में भेजे गए थे, जब कोई परीक्षा नहीं थी, जिससे यह संदेह पैदा हो रहा है कि उनका मुख्य उद्देश्य परीक्षा को स्थगित करना था।