दिल्ली : विधानसभा चुनाव में अब केवल दो हफ्ते बाकी हैं, और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) और विपक्षी भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप की बाढ़ आ गई है। आप के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रामायण के पात्र रावण पर एक टिप्पणी की, जिसे लेकर दोनों दलों के बीच विवाद गहरा गया है। केजरीवाल ने एक रैली में उस प्रसंग का उल्लेख किया जिसमें रावण ने सीता का अपहरण किया था। उन्होंने कहा कि जब रामचन्द्र जी अपने भाई लक्ष्मण से सीता की देखभाल करने को कहकर जंगल में भोजन के लिए गए थे, तब रावण ने स्वर्ण मृग का रूप धारण किया। सीता ने उसे पकड़ने की इच्छा जताई, और लक्ष्मण के मना करने के बाद वह मृग का पीछा करने निकल पड़े। इस बीच, रावण ने अपना रूप बदलकर साधु का रूप लिया और सीता का अपहरण कर लिया। केजरीवाल ने भाजपा नेताओं को उसी स्वर्ण मृग जैसा बताया, जो मतदाताओं को अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।भा.ज.पा. ने केजरीवाल की इस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उन्हें “चुनावी हिंदू” करार दिया। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल ने हिंदू धर्म का अपमान किया है और इसके विरोध में उपवासी हैं। उन्होंने केजरीवाल पर यह आरोप लगाया कि वे चुनावी लाभ के लिए हिंदू धर्म का मजाक उड़ा रहे हैं।इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने रावण के हिरण रूप में आने की बात कही थी, लेकिन भाजपा यह कह रही है कि वह राक्षस मारीचि था। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे रावण से इतनी श्रद्धा रखते हैं कि उनके खिलाफ टिप्पणी पर हंगामा कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा का यह रूप अब सामने आ चुका है और वे सत्ता में आकर गरीबों और झुग्गियों के लोगों के साथ राक्षसी व्यवहार करेंगे।