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अजीत पवार ने जालना में सफाई के मुद्दे पर अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई, गंदगी पर ध्यान न देने को लेकर उन्होंने सख्त शब्दों में अपनी नाराजगी जताई।

महाराष्ट्र : उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने जालना में स्थानीय प्रशासन की कड़ी आलोचना की और शहर में साफ-सफाई की स्थिति को लेकर अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। एक निजी अस्पताल के उद्घाटन समारोह में पवार ने कहा कि शहर में कचरे के ढेर लगे हुए थे और यह स्थिति देखकर वह हैरान रह गए। उन्होंने सवाल किया कि जन प्रतिनिधि इस समस्या पर ध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं? पवार ने कहा, “आप क्या कर रहे हैं? क्या यह आपको नहीं दिखाई देता?” उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 100 दिन का स्वच्छता अभियान शुरू किया है, लेकिन जालना में इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र हर साल 7 लाख करोड़ रुपये का राजस्व कमाता है, जिसमें से आधा सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर खर्च होता है, फिर भी इन अधिकारियों को सफाई के लिए जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जा रहा है? उन्होंने विधायक अर्जुन खोतकर के आवास का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि उनके घर के आसपास का इलाका साफ रखा जा सकता है, तो पूरे शहर की सफाई की जिम्मेदारी किसकी है? पवार ने जिला कलेक्टर को भी साफ-सफाई में लापरवाही के लिए फटकार लगाई और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निष्क्रियता पर भी चिंता जताई, खासकर कारखानों से हो रहे प्रदूषण के मामले में।

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