उत्तराखंड : सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की योजना बना रही है, और इसको लेकर एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक अहम बयान दिया है। ओवैसी ने कहा कि अगर हिंदू विवाह और उत्तराधिकार अधिनियम को अपवाद बनाया जा रहा है, तो इसे यूसीसी नहीं कहा जा सकता, और यह आदिवासियों पर भी लागू नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह कानून सिर्फ मुस्लिमों की शादियों और तलाक को प्रभावित करेगा। ओवैसी ने यह आरोप भी लगाया कि यदि कोई हिंदू धर्म से अन्य धर्म में परिवर्तन करना चाहता है, तो उसे अनुमति की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, ओवैसी ने वक्फ से संबंधित बिल के खिलाफ भी अपनी चिंता व्यक्त की, और कहा कि जैसे CAA पर विरोध हुआ था, वैसा ही वक्फ संशोधन बिल पर भी विरोध होगा।इससे पहले, उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने राज्य सचिवालय में एक बैठक के दौरान यूसीसी नियमावली को मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह कदम 2022 के चुनावों से पहले किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में है। उन्होंने यह भी बताया कि मसौदा समिति ने इस विधेयक का ड्राफ्ट तैयार किया था, जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त हो चुकी है, और अब यह एक कानून बन चुका है। वे जल्द ही तारीखों की घोषणा करने की योजना बना रहे हैं। बता दें कि उत्तराखंड ने 2022 में यूसीसी विधेयक पेश किया था, जो 7 फरवरी को विधानसभा में पारित हुआ और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से यह राज्य के लिए लागू हो गया, जिससे उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया जहाँ यूसीसी लागू हुआ है।