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संभल से एक बड़ी तादाद में लोग स्थान बदलने को मजबूर हो रहे हैं।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर 24 नवंबर, रविवार को हुए पांच घंटे के हिंसक घटनाक्रम के बाद तीसरे दिन भी इलाके में डर और नाराजगी का माहौल था। जामा मस्जिद से लेकर नखासा और हिंदूपुरा खेड़ा तक क्षेत्र में सन्नाटा छाया हुआ था। प्रमुख चौराहों और इलाकों में पुलिसकर्मी ज्यादा नजर आ रहे थे। इन घटनाओं के निशान दीवारों और सड़कों पर साफ दिख रहे थे, जिनसे बवाल की कहानी बयां हो रही थी। मृतकों के परिजन और स्थानीय लोग घटनाओं पर खुलकर कुछ कहने से बचते रहे। बवाल से प्रभावित इलाकों से सैकड़ों लोग अपने घरों को बंद करके रिश्तेदारों के घर चले गए थे।बवाल के दौरान उपद्रवियों ने दुकानों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया, जिससे यह सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। मोहल्ला कोट पूर्वी में सोमवार को हालात कुछ सामान्य हुए, तो दुकानदार अपनी दुकानों का हाल जानने के लिए पहुंचे। दुकानदारों ने कहा कि उपद्रवियों ने सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए ताकि उनकी गतिविधियां सामने न आ सकें। वहीं रविवार को हुई हिंसा के कारण दुकानें बंद रहीं, और रात को घर के बाहर खड़ी कार भी आग में जल गई।संभल में तनाव का माहौल बना हुआ है। पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल सहित 2500 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। बर्क और सुहेल पर हिंसा भड़काने का आरोप है। पुलिस ने तीन महिलाओं समेत 27 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इसके अलावा, जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। सीओ अनुज चौधरी, एसपी के पीआरओ संदीप कुमार, दरोगा दीपक राठी और शाह फैसल की तहरीर पर संभल कोतवाली में पांच और नखासा थाने में दो मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 2500 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

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