मुंबई : चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत पर प्रवासियों के शुद्ध दावों में सालाना आधार पर 19.8 अरब अमेरिकी डॉलर की कमी आई, जो अब 348.5 अरब अमेरिकी डॉलर रह गए हैं। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों में दी गई। विदेशी स्वामित्व वाली परिसंपत्तियों (46.7 अरब डॉलर) की तुलना में भारतीय निवासियों की विदेश में वित्तीय परिसंपत्तियों (66.5 अरब डॉलर) में अधिक वृद्धि होने के कारण सितंबर तिमाही में प्रवासियों के शुद्ध दावों में गिरावट देखी गई। भारत में प्रवासियों की परिसंपत्तियों और देनदारियों के बीच का अंतर भारत पर प्रवासियों के शुद्ध दावों के रूप में परिभाषित किया जाता है। ‘भारत की अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति (आईआईपी), सितंबर 2024’ के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर 2024 की अवधि में विदेशी वित्तीय परिसंपत्तियों में 80 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि आरक्षित परिसंपत्तियों में 53.8 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि के कारण हुई।