दिल्ली : नीरज शेखर, पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र और राज्यसभा सांसद, ने सदन में अपने संबोधन के दौरान कुछ वरिष्ठ नेताओं के बयानों पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ये बयान न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से आहत करने वाले थे बल्कि पूरे देश को भी दुखी कर गए। राष्ट्रपति के अभिभाषण को बोरिंग बताने पर व्यंग्य करते हुए नीरज शेखर ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे जैसे वरिष्ठ नेता अपने सहयोगियों को यह समझाएं कि यह भाषण मनोरंजन के लिए नहीं होता बल्कि एक गंभीर विषय है।पुरानी घटना का जिक्र करते हुए शेखर ने कहा कि वर्ष 1995-96 के दौरान वे एक सड़क यात्रा पर थे, जहां सड़क की हालत खराब थी। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में पहले कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक थी, जबकि आज राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व में काफी विकास हुआ है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि हो सकता है कि कुछ विशेष परिवारों या व्यक्तियों का विकास हुआ हो, लेकिन आम जनता इसका हिस्सा नहीं बन पाई।इससे पहले राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सरकार की आलोचना की। उन्होंने डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती स्थिति का हवाला देते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। खरगे के भाषण के दौरान नीरज शेखर द्वारा टोकने पर खरगे ने कड़ा पलटवार किया और अप्रिय टिप्पणियां कीं। इस पर सदन में हंगामा हो गया, और सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों से संयम बरतने की अपील की।खरगे की यह प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर काफी चर्चा का विषय बन गई। विवाद बढ़ने के बाद खरगे ने सरकार से भगदड़ जैसी घटनाओं में जान गंवाने वालों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक करने की मांग की और कहा कि अगर उनके आंकड़े गलत हैं तो सरकार सही जानकारी साझा करे।
