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उत्तराखंड के बाद अब इस राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने के लिए कदम बढ़ाए गए हैं। इसके लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो अगले 45 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

उत्तराखंड : बाद अब एक और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित राज्य गुजरात में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की योजना बन रही है। इसके लिए एक समिति के गठन की घोषणा जल्द ही होने की संभावना है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति बनाई जाएगी, जो राज्य सरकार को 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर सरकार निर्णय लेगी।इससे पहले, 27 जनवरी को उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी के मसौदे को मंजूरी दी थी, जिसके बाद इसे लागू करने की दिशा में कदम उठाए गए। उत्तराखंड के 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान यह बीजेपी के प्रमुख वादों में से एक था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास में इस पर घोषणा की, यह कार्यक्रम सीएम आवास के मुख्य सेवक सदन में हुआ। धामी ने कहा कि तीन साल पहले जनता से किए गए वादे को पूरा किया गया है और यूसीसी किसी धर्म या वर्ग के खिलाफ नहीं है, इसका उद्देश्य किसी को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि सभी को समान अधिकार देना है।समान नागरिक संहिता का मतलब है कि एक ऐसा कानून, जो विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने, और भरण पोषण जैसे मुद्दों पर सभी धर्मों के लोगों पर समान रूप से लागू हो। भारत में आज भी एक समान आपराधिक कानून है, लेकिन नागरिक कानून धार्मिक समुदायों के हिसाब से अलग-अलग हैं। इसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ की प्रथाओं जैसे हलाला, इद्दत, और तलाक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा।

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