उत्तर प्रदेश : संभल हिंसा को लेकर मंगलवार को संसद में फिर से हंगामा हुआ, जिसमें समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया। लोकसभा में बोलते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि संभल पहले भाईचारे के लिए जाना जाता था, लेकिन अब वहां भाईचारे को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उनका आरोप था कि जो घटना हुई, वह एक सोची समझी साजिश थी और इसमें भाईचारे को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी देश भर में समाज को बांटने वाली बातें कर रहे हैं, जिससे देश में भाईचारे को नुकसान हो सकता है। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार संविधान का सम्मान नहीं करती है।उन्होंने यह भी दावा किया कि 19 नवंबर को सर्वे की याचिका दायर की गई और बिना किसी अन्य पक्ष को सुने हुए सर्वे का आदेश दिया गया। इसके बाद जब रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने की बात आई, तो सर्वे की कोई आवश्यकता नहीं थी। उनका आरोप था कि पुलिस ने लोगों को नमाज पढ़ने से रोका और जब लोगों ने दोबारा इसके कारण को पूछा, तो बेकसूरों पर गोलियां चलाई गईं। उन्होंने यह मांग की कि संभल में माहौल बिगाड़ने वाले और पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।राज्यसभा में सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि 24 नवंबर को सुबह 6 बजे पुलिस को संभल में तैनात किया गया, लेकिन स्थानीय लोगों को इसका कारण नहीं पता था। कुछ देर बाद DM, SSP, वकील और अन्य लोग पुलिस के साथ मस्जिद में घुस गए और ढोल बजाने लगे। इस दौरान लोगों को शक हुआ कि पुलिस तोड़फोड़ करने जा रही है। बाद में SDM ने पानी की टंकी खोली, जिससे लोग आशंकित हो गए और माहौल में अशांति फैल गई। राम गोपाल यादव ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिसके कारण 5 लोग मारे गए, 20 घायल हुए और सैकड़ों पर केस दर्ज किए गए। कई लोगों को गिरफ्तार कर उनके साथ बुरा सलूक किया गया। उनके मुताबिक, इस हिंसा के पीछे वह मामला था जिससे ध्यान हटाने के लिए यह सब हुआ।