Suprabhat News

यमुनानगर : दिवाली से पहले ही एक्यूआई 200 पार

यमुनानगर : दिवाली में करीब दो सप्ताह शेष हैं, पर वायु प्रदूषण का स्तर अभी से खतरे के निशान पर है। दो दिन एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 200 पार तक गया, जो सामान्य से चार गुना अधिक है। बढ़ते वायु प्रदूषण का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ने लगा है।आंखों में जलन से लेकर लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है, ऐसे मरीजों की संख्या सिविल व निजी अस्पतालों व क्लीनिकों में बढ़ रही है। हृदय व अस्थमा मरीजों के लिए बढ़ता वायु प्रदूषण खतरनाक हो सकता है। बावजूद इसके प्रशासनिक स्तर पर वायु प्रदूषण नियंत्रण के कोई उपाय नहीं दिख रहे।गत मंगलवार को एक्यूआई 238 रहा, जो बुधवार को भी 200 तक गया। इस तरह बढ़ रहे वायु प्रदूषण के स्तर पर नियंत्रण के लिए गत वर्षों में दिवाली से पहले और बाद में दमकल गाड़ियों से सड़कों और उनके आसपास पेड़ों पर पानी का छिड़काव कराया गया था।
साथ ही निर्माणाधीन विकास कार्यों पर भी पानी छिड़काव हुआ, पर इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। जहां वाहनों की आवाजाही से धूल के गुबार बन रहे हैं। इन धूल के कण सहित पराली जलाने, फैक्ट्रियों और ट्रैफिक के धुंए से भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। इन हालात में अगले कुछ दिन पटाखों और आतिशबाजी जलाए जाने से वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से कई गुना होने की आशंका है, जिसका सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ेगा।चश्मे और मास्क इस्तेमाल की सलाह दे रहे चिकित्सक
गत दिनों में सरकारी और निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में सांस एवं आंख के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसके अलावा खांसी, जुकाम और बुखार और वायरल के मरीज भी बढ़े हैं। अकेले सिविल अस्पताल में रोज ऐसे 150 से 200 मरीज आ रहे हैं। इसके अलावा सैकड़ों मरीज अन्य अस्पतालों और क्लीनिकों के हैं।नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राघव गुप्ता ने कहा कि आंखों में जलन के मरीज आ रहे हैं। इसकी वजह वायु प्रदूषण हो सकती है। इससे आंखों के बचाव में घर से निकलते समय चश्मा पहनना चाहिए। साथ ही साफ पानी से आंखों को धोना चाहिए। सर्जन डॉ. अनिल अग्रवाल ने कहा कि वायु में पीएम 2.5 व पीएम 10 के कण सांस से शरीर में चले जाते हैं, जो लंग्स को प्रभावित करते हैं। ऐसे में खासकर सांस के मरीज को मास्क का प्रयोग करना चाहिए।
पानी छिड़काव से मिल सकती कुछ राहत पर्यावरण संरक्षण में लगी हरियाणा इनवारयरमेंटल सोसाइटी के प्रधान एवं ग्रीन मैन डॉ. एसएल सैनी ने कहा कि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए निर्माणाधीन कार्यों सहित जहां वाहनों की आवाजाही अधिक है, वहां प्रशासनिक स्तर पर सड़कों व पेड़ों पर पानी का छिड़काव कराया जा सकता है। इससे वायु में धूल, मिट्टी के छोटे-छोटे कण वायु में नहीं मिलेंगे। इससे वायु प्रदूषण में कुछ हद तक राहत पाई जा सकती है।वर्जन वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए संबंधित विभागों के अफसरों को पानी छिड़काव सहित अन्य दिशा निर्देश देंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *