दिल्ली : पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उत्पाद शुल्क नीति मामले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर करने की अनुमति दी गई थी। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने ईडी को केजरीवाल और अन्य आरोपियों पर उत्पाद शुल्क नीति से जुड़ी एक कथित धोखाधड़ी के मामले में आरोप दायर करने की मंजूरी दी थी। केजरीवाल की कानूनी टीम का कहना है कि ये आरोप राजनीतिक प्रेरणा से भरे हुए हैं और उन्होंने अदालत से राहत की गुहार लगाई है। उच्च न्यायालय से यह आदेश देने की मांग की गई है कि विशेष न्यायाधीश ने बिना किसी उचित मंजूरी के आरोपपत्र को मंजूरी दी, क्योंकि आरोप लोक सेवक के खिलाफ कथित अपराध के दौरान लगाए गए थे। 12 नवंबर को उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल द्वारा एजेंसी के समन को चुनौती देने वाली एक अन्य याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था। हालांकि, अदालत ने इस मामले में निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। 12 जुलाई को केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत मिल चुकी थी, जबकि 13 सितंबर को सीबीआई मामले में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था।