दिल्ली : अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में अपने भाषणों में कहा कि यह चुनाव केवल दिल्ली को बचाने का नहीं, बल्कि देश को बचाने का चुनाव है। उनके अनुसार, यह चुनाव दो विचारधाराओं के बीच का मुकाबला है। केजरीवाल ने सरल शब्दों में कहा कि यह चुनाव इस बात पर है कि जनता को यह तय करना है कि सरकारी खजाना और जनता द्वारा दिए गए टैक्स का पैसा कहां और कैसे खर्च किया जाए। उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी कुछ न कुछ खरीदते वक्त टैक्स देता है, जैसे जीएसटी, और यह पैसा सरकारों द्वारा एकत्र किया जाता है।केजरीवाल ने दो मॉडल पेश किए: एक केजरीवाल मॉडल, जिसमें जनता का पैसा जनता के भले के लिए खर्च होता है, और दूसरा बीजेपी मॉडल, जिसमें यह पैसा अमीरों के फायदे के लिए खर्च होता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली के नागरिकों को हर महीने ₹25,000 तक का लाभ दिया है, जबकि भाजपा सत्ता में आने पर यह कल्याणकारी योजनाएं बंद कर देगी क्योंकि यह उनके मॉडल के खिलाफ है।यह बयान दिल्ली विधानसभा चुनाव से जुड़ा है, जिसमें भाजपा और कांग्रेस का लक्ष्य है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को तीसरी बार सत्ता में आने से रोका जा सके। दिल्ली में 5 फरवरी को चुनाव है और 8 फरवरी को वोटों की गिनती होगी। कुल 70 सीटों में से 36 सीटों पर जीत के साथ बहुमत हासिल किया जा सकता है।