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आतिशी ने मुख्यमंत्री के तौर पर ग्रंथियों का पंजीकरण किया और गुरुद्वारा साहिब में प्रार्थना में भाग लिया।

दिल्ली : मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को करोल बाग स्थित संत सुजान सिंह महाराज गुरुद्वारा का दौरा किया और ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के तहत ग्रंथियों का पंजीकरण शुरू किया। इस योजना के अंतर्गत मंदिरों और गुरुद्वारों के पुजारियों व ग्रंथियों को मासिक मानदेय प्रदान किया जाएगा। आतिशी की यह पहल दिल्ली के एक मंदिर में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा योजना के शुभारंभ के कुछ घंटों बाद हुई।आतिशी ने कहा, “मुझे खुशी है कि अरविंद केजरीवाल द्वारा शुरू की गई ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के लिए आज से पंजीकरण शुरू हो गया है।” एक ग्रंथी ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह की सरकार के बाद यह पहली बार है जब किसी सरकार ने गुरुद्वारा ग्रंथियों के प्रति इतना ध्यान दिया है।इससे पहले, अरविंद केजरीवाल ने मरघट वाले बाबा के मंदिर (ISBT) में दर्शन कर योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने ट्वीट कर बताया, “आज मैंने मरघट बाबा के मंदिर में दर्शन किए और पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना शुरू की। आज यहां के महंत जी का जन्मदिन था, जिसे उनके साथ मनाने का अवसर मिला। बीजेपी ने रजिस्ट्रेशन रोकने की कोशिश की, लेकिन भक्त को अपने भगवान से कोई नहीं रोक सकता।”इस योजना के तहत, केजरीवाल ने घोषणा की कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में लौटती है तो हर हिंदू मंदिर पुजारी और गुरुद्वारा ग्रंथी को 18,000 रुपये का मासिक मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘आप’ कार्यकर्ता दिल्ली के अन्य मंदिरों और गुरुद्वारों में भी पंजीकरण करवा रहे हैं।

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