दिल्ली : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत का यह बयान, कि भारत को सच्ची स्वतंत्रता राम मंदिर के निर्माण के बाद मिली, राजद्रोह के समान है। राहुल ने पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भागवत का यह बयान हर भारतीय का अपमान है, और यदि यह किसी अन्य देश में कहा गया होता, तो भागवत अब तक गिरफ्तार हो चुके होते।भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए, क्योंकि अनेक सदियों तक दुश्मन के आक्रमणों का सामना करने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इसी दिन मिली थी। राहुल गांधी ने कहा, ‘‘भागवत का बयान राजद्रोह जैसा है, क्योंकि उनका मतलब यह है कि संविधान अवैध है, और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई भी अवैध थी… यदि यह किसी और देश में कहा गया होता, तो अब तक उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका होता और उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाता।’’उन्होंने यह भी कहा कि भागवत का बयान हर भारतीय का अपमान है और अब समय आ गया है कि ऐसी निरर्थक बातें सुनना बंद हो। राहुल गांधी ने यह भी कहा, ‘‘यह दो विचारों की लड़ाई है। एक हमारा विचार है जो संविधान के आधार पर है, और दूसरी तरफ आरएसएस का विचार है जो इसके विपरीत है।’’ उन्होंने यह स्पष्ट किया कि देश में कोई और पार्टी भाजपा और आरएसएस के एजेंडे को नहीं रोक सकती, केवल कांग्रेस ही इन्हें रोक सकती है, क्योंकि हम एक विचारधारा वाली पार्टी हैं।
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