उत्तर प्रदेश : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ-2025 में गैर-हिंदू व्यक्तियों को दुकानें स्थापित करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि चाय, जूस, और फूलों की दुकानों को गैर-हिंदू लोगों को नहीं देना चाहिए। उनका कहना था कि अगर इन दुकानों की अनुमति दी जाती है तो वे अनुशासनहीनता करेंगे, जैसे कि थूकना और पेशाब करना, जिसके कारण हमारे नागा संतों को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। महंत ने चेतावनी दी कि यदि ऐसी कोई घटना घटित होती है और किसी को नुकसान पहुंचता है, तो इससे दुनिया में गलत संदेश जाएगा।उन्होंने कहा कि हमारे मेले का स्वरूप सुंदर, स्वच्छ, भव्य, दिव्य और शांतिपूर्ण होना चाहिए। कार्यक्रम की सुरक्षा और पवित्रता को बनाए रखने के लिए गैर-हिंदू व्यक्तियों को बाहर रखना जरूरी है। यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने पिछले ‘मन की बात’ एपिसोड में देश में एकता और भाईचारे की बात करने के ठीक दो दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने समाज में विभाजन और नफरत की भावना को खत्म करने का आह्वान किया था। आगामी कुम्भ मेला भारत की विविधता का प्रतीक होता है, जिसमें न केवल इसकी विशालता, बल्कि विविधता भी महत्वपूर्ण है। इस आयोजन में लाखों साधु-संत, विभिन्न परंपराएं, पंथ, और अखाड़े भाग लेते हैं, और यह समाज के हर वर्ग के लिए समान सम्मान और अवसर प्रदान करता है।