बिहार : पटना पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के कुछ घंटों बाद, जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा के विरोध के दौरान सोमवार को जमानत मिल गई। यह जमानत उन्हें सिविल कोर्ट से प्राप्त हुई। किशोर अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, जब पुलिस ने हस्तक्षेप कर उन्हें प्रदर्शन स्थल से हटाया और हिरासत में ले लिया। जन सुराज की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पुलिस ने किशोर को जबरन अस्पताल ले जाने की कोशिश की। आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, उन्हें थप्पड़ मारा गया, और उनके चश्मे को भी नुकसान पहुंचाया गया। घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।इससे पहले, पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने एक बयान में कहा कि गांधी मैदान के प्रतिबंधित क्षेत्र में गांधी प्रतिमा के पास कुछ लोग अवैध रूप से प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस अवैध प्रदर्शन के संबंध में गांधी मैदान थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। डीएम के मुताबिक, बार-बार समझाने और पर्याप्त समय देने के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने जगह खाली नहीं की।इस कार्रवाई में प्रशांत किशोर समेत कुल 43 लोगों को हिरासत में लिया गया, और 15 वाहन भी जब्त किए गए। डीएम ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों में से 30 प्रदर्शनकारी छात्र नहीं थे। हालांकि, कुछ ने खुद को छात्र बताया है, जिसकी पुष्टि की जा रही है। डीएम ने यह भी कहा कि अगर भविष्य में प्रतिबंधित क्षेत्र में फिर से विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की गई, तो सख्त कदम उठाए जाएंगे।प्रशांत किशोर के समर्थकों का दावा है कि पुलिस ने उन्हें मेडिकल जांच के लिए पटना एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) ले जाया।