दिल्ली : भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी इस सप्ताह नेपाल की चार दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को और मजबूत करना है। उनकी यह यात्रा खास है, क्योंकि इसमें गोरखा सैनिकों की भर्ती से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है। नेपाल सरकार ने भारतीय सेना की अग्निपथ योजना के तहत गोरखा सैनिकों की भर्ती को लेकर आपत्ति जताई है।20 से 24 नवंबर तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान, जनरल द्विवेदी दोनों सेनाओं के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर देंगे। इसमें युद्ध अभ्यास, प्रशिक्षण कार्यक्रम, आधुनिकीकरण और क्षमता निर्माण जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा होगी। यह भी उल्लेखनीय है कि भारत और नेपाल की सेनाएं एक-दूसरे के सेना प्रमुखों को मानद जनरल की उपाधि प्रदान करती हैं। इसी परंपरा के तहत, जनरल द्विवेदी को नेपाल सेना द्वारा यह सम्मान दिए जाने की उम्मीद है।डिफेंस सूत्रों के अनुसार, जनरल द्विवेदी अपनी यात्रा के दौरान मुक्तिनाथ मंदिर का दौरा कर सकते हैं। यह वही मंदिर है जहां भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत, भी जाना चाहते थे। उनकी स्मृति में फरवरी 2023 में इस मंदिर में एक घंटा लगाया गया था, जिसे ‘बिपिन बेल’ नाम दिया गया।भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच घनिष्ठ संबंधों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दोनों देश अपने सैन्य संस्थानों में एक-दूसरे के सैनिकों को प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। हाल ही में, भारत में 300 से अधिक नेपाली सैनिकों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें काउंटर-इंसर्जेंसी, लीडरशिप डिवेलपमेंट, और शांति स्थापना पर विशेष ध्यान दिया गया। जनरल द्विवेदी की इस यात्रा का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू सैन्य आधुनिकीकरण और दोनों सेनाओं के बीच साझा क्षमताओं को मजबूत करना होगा।