दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के बाद एक बार फिर से राजनीतिक संघर्ष की जमीन तैयार हो रही है, और हर पार्टी अपनी सबसे मजबूत रणनीति पर काम कर रही है। इस बार यह सवाल उठ रहा है कि किस पार्टी के वादे वास्तविक होंगे और किसके वादे महज धोखा साबित होंगे। नरेंद्र मोदी का नेतृत्व एक बार फिर से चुनावी सफलता की ओर बढ़ रहा है, हालांकि अब इस बार उनकी पार्टी को सहयोगियों का समर्थन भी मिल रहा है। इसके बावजूद, दिल्ली में बीजेपी, आम आदमी पार्टी (आप), और कांग्रेस के बीच मुकाबला और भी तेज होने की संभावना है।दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के शुरुआत में होने की उम्मीद जताई जा रही है, हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक तारीखों की घोषणा नहीं की है। पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में आप ने जबरदस्त जीत हासिल की थी, 70 सीटों में से 62 सीटों पर कब्जा किया था। वहीं, भाजपा को सिर्फ 8 सीटें मिल पाई थीं और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया था। हालाँकि, अब 2025 के चुनाव में ये तीनों प्रमुख दल दिल्ली की सत्ता को हथियाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकेंगे।2024 के अंत में आम आदमी पार्टी ने आगामी चुनावों के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है। 21 नवंबर 2024 को आप ने अपनी पहली सूची में 11 उम्मीदवारों का ऐलान किया, जबकि 9 दिसंबर 2024 को अपनी दूसरी सूची में 20 उम्मीदवारों के नाम जारी किए। इनमें मनीष सिसोदिया की सीट पटपड़गंज से अवध ओझा को टिकट दिया गया है। आप ने अन्य प्रमुख सीटों के लिए भी उम्मीदवारों का चयन किया है, जैसे कृष्णा नगर से विकास बग्गा, गांधी नगर से नवीन चौधरी (दीपू), शाहदरा से पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी, और मुस्तफाबाद से आदिल अहमद खान को टिकट दिया गया है।इसी बीच, भाजपा भी अपनी पहली लिस्ट जारी करने की तैयारी में है, और अनुमान है कि पार्टी दिसंबर के मध्य में 35-40 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर सकती है। पार्टी आगामी चुनावों में युवा नेताओं को ज्यादा महत्व देने का विचार कर रही है। दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में भाजपा के वरिष्ठ नेता बैजयंत पांडा और वीरेंद्र सचदेवा भी शामिल हैं।