पंचकूला : चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप में विकसित करने का काम जोरों पर चल रहा है। पूरी परियोजना मई 2025 में शुरू होने की संभावना है। मंगलवार को चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन का दौरा करने के बाद रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने कहा कि कुछ घटक जैसे एक फुट ओवरब्रिज (एफओबी), दोनों तरफ स्टेशन भवन और पार्किंग फरवरी 2025 तक जनता के लिए तैयार हो जाएंगे। पंजाब, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा का प्रवेश द्वार चंडीगढ़ है, इसलिए इस रेलवे स्टेशन का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय ने दस हजार इंजनों पर कवच 4.0 लगाने को मंजूरी दे दी है। अगले खंडों के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। इसके अलावा दुर्गा पूजा, छठ पूजा और दीपावली के दौरान भारतीय रेलवे देशभर में छह हजार विशेष ट्रेनें चलाएगा, जबकि उत्तर रेलवे में 161 ट्रेनें चलेंगीं। इनके 2882 चक्कर होंगे जो उत्तर रेलवे से शुरू और समाप्त होंगे।
रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने पंचकूला-चंडीगढ़ में काम चलने वाले क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान रेलवे के सभी अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने पार्किंग एरिया सहित प्लेटफार्म और भवन को देखकर कहा कि काम जल्द पूरा किया जाए और संबंधित अधिकारियों को गुणवत्ता से कोई समझौता किए बिना समयबद्ध तरीके से काम पूरा करने को कहा।
उन्होंने कहा कि रेलवे के मानक निर्धारण संगठन आरडीएसओ (अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन) ने 16 जुलाई को कवच संस्करण 4.0 को मंजूरी दी थी। कवच की तैनाती के लिए सबसे पहले दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा मार्गों (करीब 3,000 रूट किमी) पर उच्च घनत्व वाले मार्गों को चुना गया है। ये दो मार्ग इसी वित्तीय वर्ष में पूरे हो जाएंगे। दिल्ली-चेन्नई और मुंबई-चेन्नई खंड और अन्य खंड लगभग 9,000 किलोमीटर है। कवच 4.0 का पहला परीक्षण 16 सितंबर को सवाई माधोपुर से कोटा खंड के बीच 108 किमी के लिए किया गया था। भारतीय रेलवे ने 16 जुलाई को कवच 4.0 को मंजूरी दी और दो माह में इसने काम करना शुरू कर दिया है। आज तक, कवच को दक्षिण मध्य रेलवे पर 1,465 किमी और 144 लोकोमोटिव पर तैनात किया गया है। रवनीत सिंह ने कहा कि उत्तर रेलवे में कवच की स्थापना के लिए 1790 आरकेएम कार्य स्वीकृत हैं, जबकि पंजाब में कवच के लिए स्वीकृत कार्य 121 आरकेएम हैं। इसमें चंडीगढ़-धूलकोट 33 आरकेएम और फिरोजपुर-बठिंडा 88 आरकेएम शामिल हैं।
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर वर्तमान में प्रतिदिन 36 हजार यात्री आते जाते हैं। यहां से औसतन 82 ट्रेनें गुजरती हैं, जिनमें प्रतिदिन 17 जोड़ी ट्रेनें शुरू और समाप्त होती हैं। 462 करोड़ रुपये की कुल लागत से एक बार पूरा होने पर नए रेलवे स्टेशन में यात्रियों के आगमन और प्रस्थान दोनों के लिए अलगाव होगा। चंडीगढ़ और पंचकूला दोनों तरफ (60 मीटर x 42 मीटर) जी+3 स्टेशन भवन यात्रियों के लिए दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए 20 बेड की क्षमता वाले दो डोरमेट्री और टीवी, हीटर की सुविधा के साथ 10 एसी रिटायरिंग रूम भी उपलब्ध कराए जाएंगे। यात्रियों के लिए फूड प्लाजा के लिए स्थान, 72 मीटर X 80 मीटर एयर कॉनकोर्स, वातानुकूलित रेस्तरां भी उपलब्ध कराया जाएगा।