मणिपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा न करने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कांग्रेस के इतिहास पर पलटवार किया। मुख्यमंत्री ने पूछा कि 1992-93 में मणिपुर में अशांति के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने राज्य का दौरा क्यों नहीं किया।2024 के आखिरी दिन मीडिया को संबोधित करते हुए बीरेन सिंह ने कहा कि मणिपुर के लिए यह साल बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2025 तक राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। उन्होंने मणिपुर के लोगों से माफी मांगते हुए कहा, “पिछले आठ महीनों की घटनाओं के लिए मैं खेद प्रकट करता हूं। कई लोगों ने अपनों को खोया और बेघर हुए। अब, मैं राज्य के सभी समुदायों से अपील करता हूं कि अतीत को पीछे छोड़कर एक शांतिपूर्ण और समृद्ध मणिपुर की दिशा में आगे बढ़ें।”इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री खुद मणिपुर जाकर जनता को आश्वस्त क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने 4 मई, 2023 से मणिपुर का दौरा नहीं किया है, जबकि वह देश और दुनिया में कई जगहों पर जा चुके हैं। मणिपुर के लोग इस उपेक्षा को समझ नहीं पा रहे।”मुख्यमंत्री सिंह ने इसके जवाब में कांग्रेस को मणिपुर के मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के पिछले कार्यकालों की गलत नीतियों के कारण आज मणिपुर अशांति में है। म्यांमार के शरणार्थियों को राज्य में बसाने और म्यांमार स्थित उग्रवादियों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर जैसे फैसले इसके मुख्य कारण हैं।”बीरेन सिंह, जो पहले कांग्रेस में थे और बाद में भाजपा में शामिल हुए, ने 1992-97 के बीच मणिपुर में नागा-कुकी संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा, “उस दौरान 1,300 से अधिक लोग मारे गए और हजारों विस्थापित हुए। क्या पीवी नरसिम्हा राव, जो उस समय प्रधानमंत्री थे, ने मणिपुर का दौरा कर माफी मांगी? 1997-98 में कुकी-पाइट संघर्ष में 350 लोग मारे गए। क्या उस समय के प्रधानमंत्री आईके गुजराल मणिपुर आए?”मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी ने मणिपुर की समस्याओं को हल करने की बजाय हमेशा इन्हें राजनीतिक मुद्दा बनाया।
