उत्तर प्रदेश : वायरस का नाम सुनते ही कोविड-19 की भयावह यादें ताजा हो जाती हैं। शहरों का लॉकडाउन, दुकानों के बंद शटर, दफ्तरों पर ताले और घरों की बालकनी में कैद लोग। अस्पतालों में अपनों को खोने का दर्द और शमशान घाटों पर शवों की कतारें। भारत ने यह सब झेला। अब एक बार फिर एचएमपीबी वायरस के मामलों ने हड़कंप मचाया है। चीन के वुहान से शुरू हुए इस वायरस का संक्रमण बेंगलुरु और अहमदाबाद के बाद नागपुर में भी देखा गया है। यह वायरस भारत में बेहद संवेदनशील समय पर आया है, जब महाकुंभ में केवल एक सप्ताह बाकी है। महाकुंभ में भी इस वायरस के आने का डर बढ़ गया है। याद करें कि कोविड-19 के दौरान पहला मरीज केरल में मिला था और महज 15 दिनों के भीतर पूरा देश इसके प्रभाव में आ गया था। इस बार एचएमपीबी वायरस के मामलों के बाद यह कहना मुश्किल है कि यह तेजी से नहीं फैलेगा और प्रयागराज तक नहीं पहुंचेगा।इस वायरस के खतरे को देखते हुए महाकुंभ के आयोजन में खास तैयारी की जा रही है। महाकुंभ में लाखों लोग पहुंचने वाले हैं। वायरस के खतरे को लेकर आज यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक आपात बैठक बुलाई है। इसमें वे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ वायरस से निपटने के लिए राज्य सरकार की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने आगामी प्रयागराज महाकुंभ में एचएमपीबी वायरस के संभावित स्वास्थ्य जोखिमों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने चीन से आने वाली उड़ानों की कड़ी निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया और सरकार से इस आयोजन में भाग लेने वालों पर सख्त निगरानी रखने का आग्रह किया।महाकुंभ में बड़ी सभाओं और घनिष्ठ संपर्कों का जिक्र करते हुए, सिंह ने बीमारी के फैलने के खतरे की चेतावनी दी। चीन से संबंधित वायरस के खतरे को देखते हुए महाकुंभ में अलर्ट जारी किया गया है। एचएमपीबी वायरस के डर से महाकुंभ में अब चिंता बढ़ गई है। चीन से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध की मांग उठाई गई है। संतों ने भी इस प्रतिबंध की अपील की है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि चीन से आने वाली उड़ानों पर तुरंत रोक लगाई जाए और महाकुंभ में चीन से या वहां यात्रा करके आए किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं मिलना चाहिए।