दिल्ली : सौरभ भारद्वाज ने 2013 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। इस सीट पर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के विजय कुमार मल्होत्रा के बेटे को हराकर जीत दर्ज की। इस जीत के बाद, जब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में 49 दिन की सरकार बनी, तो उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। सौरभ ने परिवहन, खाद्य और आपूर्ति, पर्यावरण और जीएडी जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी निभाई।सौरभ भारद्वाज दिल्ली के निवासी हैं और उनका जन्म 12 दिसंबर 1979 को हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली से पूरी की और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। राजनीति में आने से पहले, वे एक सॉफ्टवेयर कंसल्टेंट के रूप में काम कर रहे थे। उनका राजनीति में प्रवेश जन लोकपाल आंदोलन के दौरान हुआ, जब उनकी मुलाकात अरविंद केजरीवाल से हुई और यहां से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई।वह 2015 और 2020 में फिर से ग्रेटर कैलाश से विधायक चुने गए और दोनों बार भारी मतों से विजय प्राप्त की। उनका नाम तब चर्चा में आया जब उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम मशीन को हैक करने का दावा किया। इसके बाद चुनाव आयोग ने इस दावे को खारिज कर दिया।सौरभ भारद्वाज आम आदमी पार्टी के प्रभावशाली प्रवक्ता माने जाते हैं, और भाजपा तथा कांग्रेस पर कई मुद्दों पर तीखे हमले किए हैं। उन्होंने पार्टी के पक्ष को हमेशा मजबूती से रखा है और विधानसभा की विभिन्न समितियों में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी माने जाने वाले सौरभ भारद्वाज को कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गईं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उन्होंने कई अहम कदम उठाए, जैसे अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाना, खासकर गर्मी के मौसम में स्वास्थ्य संकट को देखते हुए।