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सीएम उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार से जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए राज्य का दर्जा पुनः बहाल करने की अपील की

जम्मू-कश्मीर : मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी सरकार ने कुछ चुनावी वादों को लागू करना शुरू कर दिया है और अन्य वादों को पूरा करने के लिए व्यवस्था में बदलाव की दिशा में काम कर रही है। जम्मू कश्मीर के संवाददाता सम्मेलन में उमर अब्दुल्ला ने बताया कि हमें सत्ता में आए दो महीने हो गए हैं, और यह समझने में कुछ समय लगा कि केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू और कश्मीर में यह नई प्रणाली कैसे काम करती है। उनकी पिछली सरकार और वर्तमान सरकार के कामकाजी तरीकों में अंतर है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में उन्हें लगा था कि ऐसे हालात में काम करना मुश्किल होगा, लेकिन अब तक की शुरुआत अच्छी रही है। अब्दुल्ला ने यह भी आशा जताई कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी रहेगा। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों से चुनावों में सक्रिय भागीदारी के बदले कुछ हासिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भले ही हम स्वीकार कर लें कि जम्मू-कश्मीर का दर्जा स्थायी रूप से तय हो गया है, लेकिन यह तथ्य है कि जम्मू-कश्मीर का एक हिस्सा सीमा के दूसरी ओर है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब भाजपा यह दावा करती है कि कश्मीर मुद्दा हल हो चुका है, तो क्या इसका मतलब यह है कि सीमा के दूसरी ओर का मुद्दा भी सुलझ गया है? कश्मीर का मुद्दा अभी भी मौजूद है, चाहे वह सीमा के इस तरफ हो या उस तरफ, और यह एक ऐसा विषय है जिस पर बातचीत हो सकती है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अपने अनुभवों से उन्हें यह समझ में आया है कि मीडिया के साथ लगातार संवाद न करने की कीमत चुकानी पड़ी है। वह बिना किसी एजेंडे के साल में दो बार खुले दिल से बातचीत करने का सिलसिला जारी रखेंगे।

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