हरियाणा : विधानसभा चुनावों में अपनी अप्रत्याशित हार की समीक्षा के बाद कांग्रेस ने तथ्य-खोज समिति गठन करने की बात कही है। गुरुवार को एआईसीसी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने समीक्षा बैठक की। कांग्रेस अध्यक्ष, पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, एआईसीसी महासचिव संगठन के सी वेणुगोपाल, चुनाव के लिए एआईसीसी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत और अजय माकन के साथ-साथ राज्य के लिए एआईसीसी सचिवों ने खड़गे के 10, राजाजी मार्ग आवास पर समीक्षा बैठक में भाग लिया।हालांकि, कांग्रेस की इस बैठक को लेकर भाजपा तंज कस रही है। बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने तंज कसते हुए कहा कि आईना साफ करने से चेहरे की गंदगी साफ नहीं होती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यही करने की कोशिश कर रही है। भाजपा नेता ने साफ तौर पर कहा कि अपनी विफलताओं का दोष ईवीएम मशीनों पर मढ़ना और इस तरह वे कभी भी इसकी तह तक नहीं पहुंच पाएंगे। उन्होंने दावा किया कि मुख्य कारण यह था कि कांग्रेस के भीतर नेताओं के बीच युद्ध चल रहा था।बीजेपी नेता शाजिया इल्मी ने कहा कि राहुल गांधी की नफरत की दुकान सील हो गई है। लोग उनकी असलियत समझ गए। लोग इससे निपट रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे दुर्भाग्यपूर्ण लगता है कि वे ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं। अगर उन्हें ईवीएम में गड़बड़ी का यकीन है तो सबसे पहले उन्हें हिमाचल सरकार, तेलंगाना और कर्नाटक सरकार से इस्तीफा दे देना चाहिए। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी कांग्रेस पर वार किया है।शहजाद पूनावाला ने कहा कि ये फैक्ट फाइंडिंग कमेटी कम है और राहुल गांधी बचाओ कमेटी ज्यादा है’। इस समिति का उद्देश्य केवल हार का ठीकरा किसी और पर फोड़ना है। जब से राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है, वे 11 चुनाव हार चुके हैं और केवल 2-3 जीते हैं और वह भी बैसाखी के सहारे। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि राहुल गांधी लगभग 73-74 चुनाव हार चुके हैं, जिनमें 3 लोकसभा चुनाव भी शामिल हैं। बावजूद इसके कि उस फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में राहुल गांधी बैठे हैं, केसी वेणुगोपाल भी हैं जिनके टिकट बंटवारे पर सवाल उठ रहे हैं। सभी हार का ठीकरा कुमारी सैलजा पर फोड़ने में लगे हैं, कल हुई बैठक में उन्हें बुलाया तक नहीं गया।