दिल्ली : में 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए बुधवार को मतदान हो रहा है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है। 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 प्रत्याशी मैदान में हैं, और मतगणना 8 फरवरी को होगी।पिछले साल भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद यह पहला बड़ा चुनाव है। कल्याणकारी योजनाओं के दम पर आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी की कोशिश में है, जबकि भाजपा लगभग ढाई दशक बाद दिल्ली में सत्ता पाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस, जिसने 2013 तक लगातार 15 वर्षों तक शासन किया था, पिछले दो चुनावों में कोई सीट नहीं जीत सकी और इस बार वापसी की उम्मीद कर रही है।अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से लगातार चौथी जीत पर नजर गड़ाए हुए हैं। भाजपा ने परवेश सिंह वर्मा को उनके खिलाफ उतारा है, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी संदीप दीक्षित भी मैदान में हैं। 2020 में केजरीवाल ने इस सीट पर 21,687 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी।पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस बार जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के सरदार तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस के फरहाद सूरी के साथ उनका मुकाबला दिलचस्प बन गया है।कालकाजी सीट पर आम आदमी पार्टी की आतिशी कांग्रेस की अलका लांबा और भाजपा के रमेश बिधूड़ी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। पिछली बार आतिशी ने भाजपा के धर्मबीर सिंह को 11,393 वोटों के अंतर से हराया था।छतरपुर सीट पर ‘तंवरों की लड़ाई’ देखी जा रही है। आप के ब्रह्म सिंह तंवर का मुकाबला भाजपा के करतार सिंह तंवर और कांग्रेस के राजेंद्र सिंह तंवर से है। करतार सिंह तंवर, जो पहले आप के विधायक थे, पिछले साल भाजपा में शामिल हो गए थे।मालवीय नगर से आप के सोमनाथ भारती अपने चौथे कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में हैं। भाजपा ने सतीश उपाध्याय और कांग्रेस ने जीतेंद्र कुमार कोचर को उतारा है।पटपड़गंज सीट, जो पहले मनीष सिसोदिया का गढ़ रही है, अब आप ने शिक्षक से नेता बने अवध ओझा को उम्मीदवार बनाया है। उनका सामना भाजपा के रविंदर सिंह नेगी और कांग्रेस के अनिल चौधरी से है।रोहिणी सीट पर भाजपा ने विजेंदर गुप्ता को फिर से मैदान में उतारा है, जो आप के प्रदीप मित्तल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार गुप्ता ने 12,000 वोटों के अंतर से यह सीट जीती थी।शकूरबस्ती में आप के सत्येंद्र जैन और भाजपा के करनैल सिंह के बीच मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है। जैन अपनी पिछली स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे की उपलब्धियों पर जोर दे रहे हैं, जबकि करनैल सिंह सांस्कृतिक अपील के जरिए मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रहे हैं।
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