कर्नाटक : उच्च न्यायालय ने हाल ही में बेंगलुरु में आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष के पिता को निर्देश दिया है कि वे उनकी पुत्रवधू निकिता की न्यायिक हिरासत के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय को जवाब प्रस्तुत करें। यह मामला नाबालिग पोते की अभिरक्षा मांगने वाली सुभाष की मां की याचिका से संबंधित है। न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदार ने निकिता द्वारा दायर याचिका पर यह निर्देश जारी किया।निकिता ने अपनी गिरफ्तारी और उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किए जाने को चुनौती दी है। उनके वकील भरत कुमार ने दलील दी कि निकिता की गिरफ्तारी गैर-कानूनी है, और पुलिस इस कार्रवाई का वैध आधार प्रस्तुत करने में असमर्थ रही है। उन्होंने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि निकिता को अंतरिम जमानत दी जाए, ताकि वह शीर्ष अदालत में अपना पक्ष प्रभावी तरीके से प्रस्तुत कर सकें।राज्य लोक अभियोजक-2 विजयकुमार मजागे ने मामले की जांच से संबंधित विवरण प्रस्तुत करने के लिए छह जनवरी तक का समय मांगा। इस पर निकिता के वकील ने बताया कि निचली अदालत ने चार जनवरी को उनकी और अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई का समय निर्धारित किया है। उन्होंने उच्च न्यायालय से अपील की कि निचली अदालत को उसी दिन याचिका पर निर्णय देने का निर्देश दिया जाए। उच्च न्यायालय ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई छह जनवरी तक स्थगित कर दी।