महाराष्ट्र : में नई सरकार के गठन और मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में चार से पांच दिन और लग सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, 2 दिसंबर को एक बड़े स्तर का भव्य समारोह आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है, और इसके लिए तैयारियां तेजी से चल रही हैं। हालांकि, इस आयोजन में देरी का मुख्य कारण महायुति गठबंधन के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान है।मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना के गुटों के बीच मतभेद सामने आए हैं। शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे इस पद को बनाए रखने पर जोर दे रहे हैं, और इसे गठबंधन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था, और उन्हें मुख्यमंत्री बनाए रखना गठबंधन की एकता और सम्मान को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।दूसरी ओर, भाजपा के वरिष्ठ नेता, जैसे प्रवीण दरेकर, देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाए जाने की वकालत कर रहे हैं। भाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव में 132 सीटों का रिकॉर्ड बनाया है, और पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि फडणवीस ही राज्य का नेतृत्व करने के लिए सबसे योग्य हैं।उधर, एनसीपी के अजीत पवार गुट ने भी मुख्यमंत्री पद पर भाजपा के देवेंद्र फडणवीस का समर्थन करने की सहमति जताई है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 26 नवंबर तक सरकार गठन नहीं होने की स्थिति में संवैधानिक संकट की संभावना को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि चुनाव आयोग द्वारा परिणामों की घोषणा के बाद 15वीं विधानसभा का गठन पहले ही हो चुका है, जिससे राष्ट्रपति शासन की संभावना खत्म हो गई है।महायुति गठबंधन, जिसमें भाजपा, शिवसेना और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल है, ने 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी को केवल 46 सीटें मिली हैं।