उत्तराखंड : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को चिंता जताते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम कांग्रेस के लिए चिंताजनक हैं। उन्होंने पार्टी से आग्रह किया कि उत्तराखंड में 2027 के विधानसभा चुनाव जीतने के लिए इन परिणामों से सबक लिया जाना चाहिए। फेसबुक पर साझा किए गए एक पोस्ट में रावत ने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन चुनावी नतीजों को बदल सकता था।रावत ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि अगर गठबंधन सहयोगियों, खासकर आप, ने कांग्रेस को बाहर करने का एजेंडा न रखा होता, तो दोनों पार्टियों के बीच एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी संभव थी। लेकिन केजरीवाल के अहंकार के कारण यह गठबंधन नहीं बन सका। उन्होंने दावा किया कि आप का वोट बैंक बिखर गया, जिसका नकारात्मक असर उसकी सीटों पर पड़ा।रावत ने बीजेपी की चुनावी रणनीति पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ती है, जहां छल, बल और धन का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने इसे “युद्ध जैसी रणनीति” करार दिया। रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जैसे दो ताकतवर प्रचारक बीजेपी की शक्ति का आधार हैं, जो विपक्ष को कमजोर कर सकते हैं।इसके विपरीत, उन्होंने बताया कि विपक्षी गठबंधन आपसी आरोप-प्रत्यारोप में उलझा हुआ है। रावत ने स्वीकार किया कि कांग्रेस अपेक्षित वोट प्रतिशत हासिल करने में विफल रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कम से कम 9-10 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त करने की क्षमता दिखानी चाहिए थी। रावत ने सुझाव दिया कि दिल्ली कांग्रेस को इस दिशा में काम करना चाहिए ताकि नगर निगम चुनाव तक उसके गठबंधन सहयोगी उसे गंभीरता से लेना शुरू करें।
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