राजस्थान : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृत्रिम मेधा (एआई) के महत्व को रेखांकित करते हुए युवाओं और विद्यार्थियों को इसका उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि एआई का वैश्विक स्तर पर तेजी से उपयोग बढ़ रहा है। उन्होंने खुद भी कुछ एआई ऐप्स का उपयोग कर देखा और यह प्रक्रिया उन्हें सुविधाजनक लगी, हालांकि एडवांस्ड वर्जन का इस्तेमाल अभी तक नहीं किया है।गहलोत ने कहा कि ज्ञान ही शक्ति है और इसी आधार पर अमेरिका के चैट जीपीटी, मेटा एआई, गूगल जैमिनी, माइक्रोसॉफ्ट कोपाइलेट और चीन के डीपसीक जैसे एआई टूल्स विकसित हो चुके हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत, जहां बड़ी संख्या में प्रतिभाशाली आईटी इंजीनियर मौजूद हैं, जल्द ही किफायती और बेहतर एआई टूल्स का निर्माण करेगा।उन्होंने युवाओं, विद्यार्थियों और जनप्रतिनिधियों को सलाह दी कि वे एआई टूल्स का इस्तेमाल करना सीखें ताकि वे अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकें।