लखनऊ : उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस असमंजस की स्थिति में है। कांग्रेस का कहना है कि वह सपा के साथ मिलकर पांच सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन सपा ने उसके लिए सिर्फ दो सीटें छोड़ी हैं। इस कारण, कांग्रेस उपचुनाव से बाहर रहने की ओर बढ़ती दिख रही है। ऐसी स्थिति में अगर कांग्रेस अपने हिस्से की दोनों सीटों पर चुनाव नहीं लड़ती है, तो सपा इन सीटों पर भी अपने उम्मीदवार खड़े कर सकती है। सपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने हिस्से की किसी भी सीट पर समझौता करने को तैयार नहीं है। कांग्रेस के संभावित न लड़ने की स्थिति में सपा खैर और गाजियाबाद सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों को तैयार कर रही है।सपा ने करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, फूलपुर, मझवां, सीसामऊ और मीरापुर सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार पहले ही घोषित कर दिए हैं, जबकि कुंदरकी सीट के लिए मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही सपा इस सीट पर भी अपने उम्मीदवार का ऐलान कर सकती है।दूसरी ओर, कांग्रेस के उपचुनाव न लड़ने की संभावना के बीच यह चर्चा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव के परिणाम और महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी से 12 सीटें मांगे जाने के चलते कांग्रेस यूपी में अपने हिस्से की दोनों सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतार रही है। सपा प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने कहा कि कांग्रेस के कुछ पदाधिकारियों के अनुसार, मझवां और फूलपुर सीटों पर उनका दावा था। मिर्जापुर लोकसभा चुनाव में डॉ. रमेश बिंद ने अच्छा प्रदर्शन किया था, इसलिए उनकी बेटी डॉ. ज्योति बिंद को मझवां से उम्मीदवार बनाया गया है। फूलपुर सीट पर मुस्तफा सिद्दीकी, जिन्होंने पिछले चुनाव में एक लाख से अधिक वोट प्राप्त किए थे, की दावेदारी थी। सपा इन सीटों के लिए पहले से ही तैयारी कर रही थी। अब खैर और गाजियाबाद सीटें गठबंधन में कांग्रेस को दी गई हैं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान की ओर से अभी तक चुनाव न लड़ने को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है।
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