दिल्ली : मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को 15 दिसंबर के बाद मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए 5.1 लाख से अधिक फॉर्म प्राप्त हुए हैं, जिससे वृद्धि की समयसीमा पर चिंताएँ बढ़ गई हैं। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि 29 अक्टूबर से 28 नवंबर तक आयोजित विशेष सारांश पुनरीक्षण अभ्यास के दौरान लगभग 1.4 लाख फॉर्म-6 पर कार्यवाही की गई और इन्हें अंतिम मतदाता सूची में शामिल किया गया। अधिकारियों के अनुसार, नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए 16 दिसंबर, 2024 से 5.1 लाख से अधिक फॉर्म-6 प्राप्त हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, यह वृद्धि आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा किए गए लोकलुभावन वादों के साथ मेल खाती है, जिसमें महिलाओं के लिए 2,100 रुपये की मासिक सहायता और वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल की घोषणा शामिल है। आप ने दिल्ली में पंजीकृत महिला मतदाताओं को यह सहायता देने का वादा किया है। दिल्ली के सीईओ ने कहा कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए झूठे दावे और फर्जी दस्तावेज़ प्रस्तुत करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि लाभार्थियों के मतदाता कार्ड से जुड़ी महिला सम्मान योजना मतदाताओं को रिश्वत देने के समान मानी जा रही है, जो आदर्श आचार संहिता के तहत निषिद्ध है। दिल्ली के सीईओ ने यह भी कहा कि 16 दिसंबर, 2024 से नए पंजीकरण के लिए अभूतपूर्व संख्या में फॉर्म-6 जमा हुए हैं, और 5.1 लाख से अधिक लोगों ने मतदाता सूची में अपने नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया है। इस दौरान विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण में 3.09 लाख नए मतदाता पहले ही शामिल हो चुके हैं। बयान में कहा गया है, ‘‘फॉर्म-6 की संख्या में यह असाधारण वृद्धि और वह भी एसएसआर-2025 (28.11.2024) में दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अंतिम तिथि के 20 दिन बाद, अप्रत्याशित है और इसकी गहन जांच की आवश्यकता है।’’ सीईओ ने कहा कि सभी ईआरओ को निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत प्रत्येक फॉर्म की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।