महाराष्ट्र : राकांपा नेता छगन भुजबल को लेकर इन दिनों काफी चर्चा हो रही है। खबरें हैं कि नई महाराष्ट्र सरकार में उन्हें मंत्री पद नहीं मिलने से वह नाखुश हैं। हालांकि, इस पूरे मामले पर पार्टी प्रमुख अजित पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पवार ने कहा कि कभी-कभी नए नेताओं को भी अवसर देना जरूरी होता है। उन्होंने बिना भुजबल का नाम लिए कहा कि बिना वजह गलतफहमी पैदा करना ठीक नहीं है। पवार ने यह भी संकेत दिया कि भुजबल को संतुष्ट करने के लिए कोई समाधान निकाला जा सकता है, जो कि पिछले साल राकांपा के संस्थापक शरद पवार के खिलाफ विद्रोह करने वाले 40 से अधिक विधायकों में से एक थे। अजित पवार ने यह संकेत दिया कि 77 वर्षीय ओबीसी नेता को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “हमने यह भी विचार किया है कि कुछ वरिष्ठ नेताओं को राज्य सरकार के बजाय केंद्र में मौका दिया जा सकता है।” पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग मंत्री नहीं बनाए गए हैं, वे नाराज हो सकते हैं, लेकिन कभी-कभी नए चेहरों को भी मौका देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बिना किसी वजह के गलतफहमी फैलाना सही नहीं है। अजित पवार ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह कभी भी किसी का अपमान नहीं करेंगे, लेकिन कभी-कभी यह जरूरी होता है कि कोई भ्रम न फैलाया जाए।राकांपा, जो वर्तमान में महायुति गठबंधन के तहत राज्य में और राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए के हिस्से के रूप में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा है, को अपने 41 विधायकों के समर्थन के बदले अब तक नौ मंत्री पद मिल चुके हैं। वहीं, महाराष्ट्र की नई महायुति सरकार में छगन भुजबल को मंत्री नहीं बनाए जाने से वे नाराज चल रहे हैं। सोमवार को भुजबल ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस से मुलाकात की और राज्य की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। मुंबई में फड़णवीस के ‘सागर’ बंगले पर लगभग 30 मिनट की बैठक के दौरान उनके साथ उनके भतीजे समीर भुजबल भी मौजूद थे।