दिल्ली : में भारतीय जनता पार्टी की 27 साल बाद ऐतिहासिक वापसी के बाद नए मुख्यमंत्री को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं जोरों पर हैं। पार्टी में लगातार बैठकों का दौर जारी है। 8 फरवरी को हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटें मिलीं और कांग्रेस खाता खोलने में नाकाम रही। इस शानदार जीत के बाद अब बड़ा सवाल यह है कि तीन दशकों के बाद दिल्ली को भाजपा का नया मुख्यमंत्री कौन मिलेगा?इस विषय पर कई अटकलें लगाई जा रही हैं, और संभावित दावेदारों के नाम चर्चा में हैं। हाल ही में अनिल शर्मा, शिखा रॉय, सतीश उपाध्याय, अरविंदर सिंह लवली, विजेंद्र गुप्ता, अजय महावर, रेखा गुप्ता, कपिल मिश्रा, कुलवंत राणा और डॉ. अनिल गोयल जैसे भाजपा के विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इनमें से कोई मुख्यमंत्री बन सकता है।सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री चयन में जातीय समीकरणों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इस संदर्भ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ चर्चा होने की संभावना है, जिसमें विभिन्न समुदायों से मिले समर्थन के आधार पर निर्णय लिया जा सकता है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, संघ कुछ नामों पर विचार कर सकता है, जिनमें ब्राह्मण, जाट और पंजाबी समुदाय के नेता प्रमुख हो सकते हैं। इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और अन्य प्रमुख पदों को लेकर भी चर्चा की जा रही है। चुनावी नतीजों को देखते हुए, विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना भाजपा की प्राथमिकताओं में शामिल हो सकता है।आगामी सप्ताह में इस संबंध में और अधिक स्पष्टता आने की संभावना है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली में भाजपा किसे मुख्यमंत्री के रूप में पेश करती है।
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