यमुनानगर : टोपरा कलां गांव की जमीन में समाई 2400 साल से भी अधिक समय की अमूल्य ऐतिहासिक बौद्ध विरासत को धरातल पर लाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) की मदद ली जाएगी। इसी माह में आईआईटी कानपुर की टीम टोपरा कलां पहुंच जाएगी। टीम जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) तकनीक की मदद से सर्वे कर एक डिजिटल मैप तैयार करेगी।सर्वे के अनुसार जहां-जहां विरासत मिलने के संकेत मिलेंगे, वहां पर गड्ढे किए जाएंगे। यह पूरी प्रक्रिया पुरातत्व विभाग की देखरेख में होगी। यहां तक वर्ष 2023 के नवंबर माह में पुरातत्व विभाग की डिप्टी डायरेक्टर बिनानी भट्टाचार्य खुद यहां का निरीक्षण कर चुकी हैं। उन्होंने बताया टोपरा कलां में बौद्ध विरासत को बाहर निकालने के लिए तेजी से प्रक्रिया चल रही है।यहां की विरासत को ऊपर लाने के लिए कानपुर की आईआईटी स्पेशल टीम को बुलाया गया है। यह टीम अग्रोहा में भी सर्वे कर चुकी है। अब टोपरा कलां में पहुंचेगी। इस टीम में चार से पांच लोग होंगे, जो टोपरा में अलग-अलग जगहों पर जाकर जीपीएस सर्वे करेंगे।भट्टाचार्य के मुताबिक टोपरा कलां में 2400 साल से भी अधिक समय की अमूल्य ऐतिहासिक विरासत यहां की भूमि में समाई हुई है। वर्ष 2023 नवंबर माह में टोपरा कलां गांव में हड़प्पा काल के बर्तन और ठीकरें मिले हैं, जो काफी पुराने बताए गए हैं। जिसके बाद पुरातत्व विभाग ने यहां का दौरा किया था। विदित हो टोपरा कलां गांव में ही देश का सबसे ऊंचा 30 फीट का अशोक चक्र स्थापित है। जिसके नाम लिम्का बुक ऑफ में रिकॉर्ड है। इसी अशोक चक्र के नाम से अशोका पार्क भी बना हुआ है।